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सर, मैं वाराणसी का रहने वाला हूँ। मैं दो भाई और एक बहन हैं। मैं सबसे बड़ा हूँ। मेरी बहन की शादी हो चुकी है। मेरा भाई अविवाहित है। मेरी शादी दिनांक 16.10.2010 को शिवपुर, वाराणसी निवासी सुनीता से हुआ था। मेरी शादी arrange marriage है। मेरे पिताजी banaras hindu university, varanasi में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे। जिनका देहांत दिनांक 04.06.2011 को हुआ था। पिताजी के मृत्यु के बाद मैं मृतक आश्रित के तहत वर्तमान में Senior Clerk के पद पर कार्यरत हूँ। मेरी शैक्षणिक योग्यता B.Com., B.P.Ed., M.P.Ed., NET, L.LB. है। मेरी पत्नि (सुनीता) अनपढ़/मात्र साक्षर है। शादी के बाद से ही इसका व्यहार मेरे परिवार के प्रति अच्छा नही रहा है। मेरी पत्नि, मुझे और मेरी माँ को आए दिन गंदी-गंदी गाली देकर, क्रूर व्यवहार करके मानसिक रूप से प्रताड़ित करती रहती है। मेरी पत्नि ने तो यहां तक कह दिया है कि मेरा मेरी माँ के साथ अफेयर है। पिता के मरने के बाद मेरे परिवार की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है। परिवार के सुख-दुख मुझे ही देखना है। तो क्या ऐसे परिस्थिति में मैं अपने परिवार के जिम्मेदारियों के प्रति मुंह मोड़ना उचित होगा? दिनांक 09.07.2014 को हमें एक बेटा हुआ था, तथा वो दिनांक 25.05.2019 को expire हो गया। वर्तमान समय में मेरी पत्नि अपने मायके में है, बेटे मृत्य के बाद मैंने उसकी हालत को देखते हुए उसके परिवार में उसकी मानसिक स्थिति ठीक-ठाक होने के लिए उसके घर पहुंचा दिया, उसके मायकों वालो से बात करने के बाद। अप्रैल 2019 में पता चलता है कि वो गर्भवती है। जिसकी डिलवरी तारीख 24.12.2019 अनुमानित है। मेरी पत्नि के पिताजी तथा 5 भाई है, ये सभी अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। ये सब धारा 302, 376, 452 आदि मेंं जेल जा चुकें है, इस समय सभी जमानत पर है। धारा 376 में इनको लोवर कोर्ट वाराणसी से 7-7 साल की सजा का ऐलान होने के बाद इनकी जमानत इलाहाबाद हाई कोर्ट से हुए। अभी तक केस चल रहा है। धारा 302 की जमानत कराने के दौरान मैं एक परिवार तरह व्यवहार करते अपनी जमीन के कागज पर इनमें से एक पर जमानत भी पड़ा। मैंने हमेशा से अपने ससुरवालों के साथ विनम्रता तथा अच्छा व्यवहार किया है। तथा एक अच्छा दामाद बनने का प्रयास किया है। परन्तु मेरी पत्नि मेरे एकदम उलट है। मैंने शादी के बाद शुरू से ही इसके क्रूर व्यहार को सहा है, तथा मान-सम्मान, प्रतिष्ठा के खातिर कभी इस बात को उजागर नही किया है। परन्तु मेरी पत्नि सुधरने का नाम नही ले रही है। अभी कुछ दिनों से मेरी पत्नि मायके में होने के बावजूद मुझे फोन पर मानसिक प्रताड़ना देने का काम कर रही है, जिसमें वो गंदी-गंदी गालियां दे रही है तथा मेरे परिवार को भी गालियां दे रही है। मैंने इस बात का सबूत फोन रिकार्डिंग के माध्यम से उसके परिवार वालों को भी सुनाया, परन्तु उस पर कोई फर्क नही पड़ रहा। बल्कि मेरी पत्नि तो यहां तक कह दिया है कि मेरे बेटे के मौत का जिम्मेदार मैं हुँ। मतलब की मेरा बेटा मेरी वजह से मरा है। जबकि मेरे बेटे की मौत ब्लड कैंसर से हुई। इसके बारे डॉक्टर ने बताया था। मैं सर बीते 9 सालों से इतना मानसिक रूप से प्रताड़ित हुआ हूँ कि मन आत्महत्या के ख्याल आता है कि मैं मर जाऊँ तो मुझे और मेरे परिवार को इस क्रूर पत्नि से छुटकारा मिले। अब सर बताइए मैं क्या करूँ। न जीते बन रहा है और न ही मरते बन रहा है। क्योंकि कई बार मैंने अपने पत्नि से कहा है कि इस तरह तुम परेशान करोगी तो कहीं मेरी साथ दुर्घटना घटित होगी तो तुम्हारा क्या होगा, तो उसका जवाब होता है कि अगर तुम मर गए तो हम तुम्हारे परिवार को खत्म करवा देंगे। मैं क्या करूँ, मैं एकदम hopeless हो चुका हूँ, काम-धंधा में मन नही लगता है, हमेशा मैं डरा-सहमा रहता हूँ। कोई रास्ता नजर नही आता। मार्गदर्शन करने की कृपा करें। आपके मार्गदर्शन का अभिलाषी- राजा, 8948194345
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